ताजमहल छोड़िए, भांकुरचिड़िया का किला देखकर आइए

भांकुरचिड़िया का किला

अंग्रेजी फिल्म पाइरेट्स आफ कैरेबियन का देशी रुपांतरण लगती एक भारी भरकम बजट वाली हिंदी फिल्म इस दीवाली पर रिलीज हो रही, ठग्स आफ हिंदोस्तान। बड़े सितारे, बड़ा बैनर, बड़े बजट का बड़प्पन तो देखिये फिल्म का नाम भी मौलिक न रख पाये तो फिल्म में मौलिकता ढूढ़ना निरा बेवकूफी के कुछ न होगा। फिल्म के ट्रेलर में अपने मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान अंग्रेजी वाले लुटेरे जानी डेप के नकल करते वैसे ही महक रहे हैं जैसे देशी शराब के ठेके के सामने भीनी भीनी महक आती है जो हमारे जैसे सामान्य की सांस रोकने के लिए पर्याप्त होती है। खैर फिल्म कितनी भी घटिया हो हम इसे 200-400 करोड़ कमवा के ही मानेंगे ये पहले से तय है। 





देखिये बात भांकुरचिड़िया के किले की करने के बजाय ठगों की होने लगी क्योंकि इन ठगों की फिल्म का कुछ हिस्सा इस किले में फिल्माया गया है। आपको लग रहा होगा ये कोई अनजाना या कम दिखा, सुना किला होगा पर ऐसा बिल्कुल नहीं ये भारत के सबसे चर्चित और खूबसूरत किलों में शामिल है जिसे हम मेहरानगढ़ फोर्ट के नाम से जानते हैं। ये जिस पहाड़ी पर स्थित है उसे कभी भांकुरचिड़िया के नाम से जाना जाता था। 



मेहरानगढ़ फोर्ट का निर्माण जोधपुर शहर को बसाने वाले राव जोधा थे जो अपनी पिता की 24 संतानों में एक थे। जिसके पिता ने 24 संतानें पैदा करने जैसा प्रतापी कार्य किया हो उसने एक शहर बसा के कौन तोप चला दी। 

राव जोधा जब मेहरानगढ़ फोर्ट बनवाने चले तो भांकुरचिड़िया के एकमात्र बाशिंदे चिड़ियानाथ ने अपनी जगह छोड़ने से मना कर दिया। बड़ा हाथ पैर मारने के बाद भी चिड़ियानाथ जब न हटा तो राव जोधा ने महिला संत करणी माता से मदद मांगी जिन्होंने चिड़ियानाथ को वहां से वैसे ही हटाया जैसे आजकल प्रशासन झुग्गी वालों को बिल्डरों के कहने पर हटाता है। खैर हटते हटाते चिड़ियानाथ ने करणी माता को किले में हमेशा पानी की कमी का श्राप दे दिया। अब बैकफुट पर आने की बारी करणी माता की थी जिन्होंने फिर चिड़ियानाथ को किले में ही रहने के लिए घर दिलाया और उसमें रहने को राजी किया। इन्ही करणी माता के नाम पर राजस्थान में क्षत्रियों के कई संगठन चल रहे जिनमें से एक का संजय लीला भंसाली की एक फिल्म हिट कराने में अतुलनीय योगदान रहा। 

मेहरान शब्द संस्कृत के मिहिर से लिया गया है जिसका अर्थ सूर्य होता है। सूर्य यहाँ के शासकों के कुल देवता हैं। सो मेहरानगढ़ मतलब सूर्य का घर। 

मेहरानगढ़ फोर्ट में चामुंडा देवी का मंदिर है जहाँ 2008 में मची भगदड़ में 200-300 लोग मरे थे। 

मेरा मेहरानगढ़ फोर्ट जाना अपने एक दशक से ज्यादा पुराने मित्र कुंदन सिंह चौहान के साथ हुआ जो जोधपुर का ही बाशिंदा है सो हमे मुफ्त में लोकल गाईड मिल गया जो हर चीज क्षत्रिय गर्व के साथ हमें बताता रहा। 

मेहरानगढ़ फोर्ट का सबसे खूबसूरत दर्शन आपको पार्किंग में गाड़ी लगाते ही होता है। अंदर जाने पर पोल (गेट) पर कुछ कलाकार राजस्थानी संगीत गा रहे थे। लोकल गाईड विदेशी लोगों की उन राजस्थानी महिलाओं के साथ फोटो खिंचवा रहे थे जो कंधे तक चूड़ा पहने थी। गाईड शायद ऐसा भारत का पिछड़ापन दिखाने के लिए कर रहे थे और विदेशी कुछ अलग देखने और खिचांने की गर्ज से। 

कुल मिलाकर हर किसी को ये किला जरूर देखना चाहिये नहीं तो ताजमहल के अलावा भारत में ऐतिहासिक कुछ याद नहीं आयेगा।

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